रघुवंशम्’ कविकुलगुरू कालिदास का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। महाकवि कालिदास भारतीय संस्कृति के अप्रतिम पुजारी हैं, उनकी कृतियों में भारतीय संस्कृति के महनीय आदर्शों और नैतिक जीवन मूल्यों का हृदयहारी चित्रण हुआ है। रघुवंश महाकाव्य में भी हमें यह विशेषताएं पग-पग पर विलसित दिखाई देती हैं। महाकाव्य के प्रथम सर्ग के प्रारंभ से ही कवि विभिन्न रूपों में भारतीय संस्कृति के भव्य रूप का चित्रांकन आरंभ कर देते हैं। स्वयं को मंदबुद्धि कहकर वे यह प्रदर्शित करते हैं कि विद्वत्ता की शोभा विनम्रता में ही निहित है। तत्पश्चात् रघुवंशी राजाओं का चरित्र भारतीय संस्कृति की संपूर्ण विशेषताओं को एकत्रित कर हमारे समक्ष प्रस्तुत कर देता है।