संस्कृत वाङ्गमय का प्रादुर्भाव वेद से हुआ, वेदों के पश्चात् लौकिक संस्कृत के दो अमूल्यरत्न रामायण एवं महाभारत की रचना की गई। रामायण एवं महाभारत दोनों महाकाव्य के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। इनमें वाल्मीकि कृत रामायण आदिकाव्य है। महाभारत वेदव्यास द्वारा लिखा गया एक ऐसा इतिहास ग्रंथ है जिसमें सभी संदर्भों के विषय का वर्णन प्राप्त होता है। साहित्य की इन दोनों विधाओं का उद्भव श्रौत कर्मकाण्ड के काल में ही हुआ था। रामायण तथा महाभारत के प्रचार-प्रसार में प्राचीन सूतों का महत्त्वपूर्ण योगदान था।