Contact: +91-9711224068
International Journal of Sanskrit Research
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

Impact Factor (RJIF): 8.4

International Journal of Sanskrit Research

2021, Vol. 7, Issue 2, Part A

मूल्यपरक दयानन्द शिक्षा पद्धति: एक दृष्टि

अनामिका

सभ्य एवं सुसंस्कृत मानव ही किसी समाज एवं राष्ट्र की उन्नति का आधार होते हैं। मानव उत्थान हेतु दयानन्द की दूरदर्शिता दयानन्द साहित्य से दृष्टिगोचर होती है। वह मानव जीवन में शिक्षा को कितना महत्व देते थे यह इसी से स्पष्ट है कि अपने प्रसिद्ध ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश में इन्होंने ईश्वर के पश्चात् शिक्षा विषय पर चर्चा की है। शिक्षा प्रत्येक काल का अपरिहार्य अंग है। शिक्षा एक ऐसा सक्षम साधन है जो परिवर्तन एवं विकास की नवीन संभावनाएं उत्पन्न कर सकता है। बहुतः अतीत का प्रेरणादायक उल्लेख वर्तमान को प्रेरित करता है। सम्भवतः दयानन्द की मूल्यपरक शिक्षा पद्धति वर्तमान समय में भी उपयोगी और अनुकरणीय हो सकती है। अतः प्रस्तुत शोधपत्र शिक्षा के क्षेत्र में नवीन संभावनाओं के बीजारोपरण में सहायक सिद्ध हो सकता है।
Pages : 04-06 | 726 Views | 138 Downloads
How to cite this article:
अनामिका. मूल्यपरक दयानन्द शिक्षा पद्धति: एक दृष्टि. Int J Sanskrit Res 2021;7(2):04-06. DOI: 10.22271/23947519.2021.v7.i2a.1359
International Journal of Sanskrit Research

International Journal of Sanskrit Research


Call for book chapter
International Journal of Sanskrit Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals
Please use another browser.