वेदों में वनस्पति विज्ञान’-औषधि पौधों के विशेष सन्दर्भ में
डॉ. कल्पना कुमारी
भारतीय संस्कृति के इतिहास में वेदों का स्थान अत्यंत गौरवपूर्ण है।भारत में ही नहीं अपितु विश्व के प्राचीनतम ग्रंथों तथा भारतीय संस्कृति के प्राणभूत वेद प्रकृति में सम्पूर्ण ज्ञान की आधारशिला माने गए हैं । वेद के चार विभाग हैः ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं।वेदों में आयुर्वेद से सम्बन्धित सैकड़ों मन्त्रों का वर्णन है, जिसमें विभिन्न रोगों की चिकित्सा का उल्लेख है। वनस्पतियां हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं।विभिन्न औषधीय पौधे जो आज भी रोगों के उचार में उपयोग में लाये जाते हैं उन सबका विवरण वेदों में है। हमारा प्राचीन वैदिक ज्ञान बहुत ही समृद्ध है। विभिन्न औषधीय पौधों का वर्णन विभिन्न रोगों के सन्दर्भ में है। वनस्पतियां हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं।प्रकृति और व्यक्ति के जीवन में संतुलन के लिए पौधों का होना आवश्यक है।
डॉ. कल्पना कुमारी. वेदों में वनस्पति विज्ञान’-औषधि पौधों के विशेष सन्दर्भ में. Int J Sanskrit Res 2021;7(1):13-16. DOI: 10.22271/23947519.2021.v7.i1a.1262