हिन्दू धर्म का मूल आधार वेद है। अपौरुषेय वेद को आश्रित कर ही सभी प्रकार की धारणाएँ विकसित हुई है। धर्म के प्रमाण के रूप में वेद सर्वोपरि है। भारतीयदर्शन के अन्तर्गत सभी आस्तिक दर्शनों ने वेद की प्रामाणिकता स्वीकार की है और अनेक सम्प्रदायों ने प्रत्यक्ष और अनुमान के साथ आगम को प्रमाण माना है। आगम के अन्तर्गत भी वेद प्रधान है। मन्त्रब्राह्मणात्मकशब्दराशि वेदान्तर्गत देवों की स्तुतियाँ और यज्ञ क्रियाएँ ही विशेषरूप से विवेचित हैं और मनुष्य को परमात्मा एवं परलोक की ओर अधिक उन्मुख किया गया है।