मनुष्य ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट रचना है। मानव शरीर दो तत्वों का समवाय है जिन्हें हम जड़ और चेतन के रूप में जानते हैं। चेतन तत्व को जीव या आत्मा कहा जाता है। जबकि जड़ तत्व को हम शरीर के रूप में जानते हैं। जड़ तत्वों से बने हुए मानव शरीर के तीन भेद होते हैं। 1. स्थूल, 2. सूक्ष्म और 3. कारण शरीर। मानव की चार अवस्थाओं का वर्णन शास्त्रों में किया गया है। जो निम्न है- 1. जाग्रतावस्था, 2. स्वप्नावस्था, 3. सुषुप्त्यावस्था, 4. समाधि या तुरीयावस्था। शोध- पत्र में मानव के त्रिविधि शरीर और चार अवस्थाओं का तात्विक विवेचन किया गया है।