International Journal of Sanskrit Research
2017, Vol. 3, Issue 3, Part B
मानव के तà¥à¤°à¤¿à¤µà¤¿à¤§ शरीर और चार अवसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤
डाॅ॰ बà¥à¤°à¤œà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤°
मनà¥à¤·à¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤° की सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ रचना है। मानव शरीर दो ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ का समवाय है जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम जड़ और चेतन के रूप में जानते हैं। चेतन ततà¥à¤µ को जीव या आतà¥à¤®à¤¾ कहा जाता है। जबकि जड़ ततà¥à¤µ को हम शरीर के रूप में जानते हैं। जड़ ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ से बने हà¥à¤ मानव शरीर के तीन à¤à¥‡à¤¦ होते हैं। 1. सà¥à¤¥à¥‚ल, 2. सूकà¥à¤·à¥à¤® और 3. कारण शरीर। मानव की चार अवसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं का वरà¥à¤£à¤¨ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में किया गया है। जो निमà¥à¤¨ है- 1. जागà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, 2. सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, 3. सà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, 4. समाधि या तà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¥¤ शोध- पतà¥à¤° में मानव के तà¥à¤°à¤¿à¤µà¤¿à¤§à¤¿ शरीर और चार अवसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं का तातà¥à¤µà¤¿à¤• विवेचन किया गया है।
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डाॅ॰ बà¥à¤°à¤œà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤°. मानव के तà¥à¤°à¤¿à¤µà¤¿à¤§ शरीर और चार अवसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤. Int J Sanskrit Res 2017;3(3):95-97.