इस अध्ययन में प्राचीन भारतीय वेदोंए पुराणोंए महाभारत और रामायण में गौ (गाय) के विविधात्मक महत्व की खोज की गई हैए जिसमें उसके प्रतीकात्मकए आध्यात्मिक और आर्थिक भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। उद्देश्य में भारतीय साहित्य और परंपराओं में गाय के सांस्कृतिकए धार्मिक और कृषि महत्व का विश्लेषण शामिल है। सामग्री में शास्त्रीय ग्रंथए पौराणिक कथाएँ और समकालीन स्रोत शामिल हैंए जिनका उपयोग गुणात्मक व्याख्यात्मक दृष्टिकोण से किया गया है। परिणामस्वरूपए गाय को समृद्धिए अहिंसा और पवित्रता का प्रतीक माना गया हैए जो अनुष्ठानोंए कृषिए औषधि और सांस्कृतिक पर्वों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह अध्ययन निष्कर्ष निकालता है कि गाय आधुनिक समाज में भी स्थायित्वए करुणा और सांस्कृतिक पहचान के मूल्यों का प्रतीक है। गौ की रक्षा और पूजा पर्यावरणीय संतुलन और सांस्कृतिक धरोहर बनाए रखने के लिए आवश्यक है।