श्री कृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था, उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरूष, युगपुरूष या युगावतार का स्थान दिया गया है, श्री कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमभ्दागवत गीता और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तृत रूप से लिखा गया है। श्रीमभ्दागवत गीता में श्री कृष्ण और अर्जून का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विष्व में लोकप्रिय है। इस उपदेष के लिए श्री कृष्ण को जगत गुरू का सम्मान भी दिया गया है।