Contact: +91-9711224068
International Journal of Sanskrit Research
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

Impact Factor (RJIF): 8.4

International Journal of Sanskrit Research

2024, Vol. 10, Issue 2, Part A

संस्कृत बाल साहित्य में काव्य बिंब

डॉ. हेमराज सैनी

साहित्य में भाव संप्रेषण एवं पाठकों के मानस पटल पर ग्राफिक्स, इमेज, चित्र अथवा बिंब को मूर्त रूप देने हेतु लेखक काव्य में सांकेतिक शब्दों का प्रयोग करता है। अतः रचनाकार जिन शब्दों का प्रयोग कर रहा है उनमें वह विवक्षित भाव को सामाजिक पाठकों तक पहुंचाने में समर्थ होना चाहिए। आधुनिक संस्कृत साहित्य में नवीन विधा के रूप में आविर्भूत बाल साहित्य में कवि का मुख्य उद्देश्य बालपाठकों को बिंबात्मक शब्दों के माध्यम से भाषा एवं साहित्य का ज्ञान करवाना है। बाल साहित्य में शब्द यथार्थ बोध पर आधारित है। किंतु कवि यहां कल्पना द्वारा चित्रात्मक बिंबों का भी बाल पाठकों के मानस पटल पर प्रत्यक्षीकरण करने में समर्थ होता है।
Pages : 01-04 | 206 Views | 96 Downloads


International Journal of Sanskrit Research
How to cite this article:
डॉ. हेमराज सैनी. संस्कृत बाल साहित्य में काव्य बिंब. Int J Sanskrit Res 2024;10(2):01-04. DOI: 10.22271/23947519.2024.v10.i2a.2320

Call for book chapter
International Journal of Sanskrit Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals
Please use another browser.