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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2023, Vol. 9, Issue 6, Part D

भीमप्रबन्धमहाकाव्य में अलंकार एवं रस विमर्श

धनञ्जय कुमार

संस्कृत कवियों की भाषा शैली सम्पूर्ण विश्व के साहित्य में अपनी साख रखती है। वैदिक ऋषियों से पुराणों के रचनाकार महर्षियों तथा उसके उपरान्त उनका ही अनुशीलन करने वाले कालिदास, भारवि आदि ऐसे रचनाकार है जिनका कोई प्रतिद्वन्दी साहित्य की दृष्टि से पूरे विश्व में उत्पन्न नहीं हो सकता। उन्हीं ऋषि कवियों का अनुशीलन करते हुये श्री हरिवंश भट्ट ने अपने काव्य को गति प्रदान की है। भीमप्रबन्ध महाकाव्य एक ऐतिहासिक महाकाव्य है, इस महाकाव्य के नायक महाराजा भीम है। जिनके प्रबन्ध (राज व्यवस्था सम्बन्धी प्रबन्ध व्यवस्था) पर आधारित काव्य होने से यह काव्य भीमप्रबन्ध कहा गया है। इस महाकाव्य में जोधपुर के राजाओं का वंश चरित्र जोधपुर (मारवाड़ राज्य) के तात्कालिक अन्य क्षेत्रों के सरदारों व ठाकुरों का वर्णन किया है।
Pages : 215-217 | 240 Views | 90 Downloads


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How to cite this article:
धनञ्जय कुमार. भीमप्रबन्धमहाकाव्य में अलंकार एवं रस विमर्श. Int J Sanskrit Res 2023;9(6):215-217.

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