प्रस्तुत शोध पत्र में प्रकृति का स्वरूप और तीनों गुण अर्थात् सत्त्व, रजो और तमो गुणों के उöव, स्वरूप, लक्षण, कार्य, फल और परिणाम का वर्णन किया गया हैं। ये तीनों गुण किस प्रकार किस अवस्था में जीवधारी मनुष्य को कैसे बन्धन में बाँधते हैं और किस प्रकार से इस बन्धन मुक्त होकर मनुष्य परमब्रह्म को प्राप्त करता है।
डाॅ. सपना चन्देल, अपूर्बा हलदर. श्रीमद्भगवद्गीता में गुणत्रय विभाग योग. Int J Sanskrit Res 2023;9(5):158-161. DOI: 10.22271/23947519.2023.v9.i5c.2225