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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2023, Vol. 9, Issue 5, Part B

ग़ालिब काव्यम् में दर्शन

Dr. Shahnaz kureshi

मिर्ज़ा ग़ालिब एक विश्व विख्यात शायर हैं । उनकी ग़ज़लों का संग्रह ‘दीवान – ए ग़ालिब’ का विश्व की कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है । ग़ालिब के दीवान या संग्रह का संस्कृत भाषा में अनुवाद करने का पुनीत कार्य आधुनिक संस्कृत साहित्य के नक्षत्र डॉ. जगन्नाथ पाठक जी ने किया है । चूँकि ग़ज़लों में प्रत्येक शेर में एक भिन्न विषय वर्णित होता है अतः ग़ालिब काव्यम् में भी जीवन के विभिन्न पक्षों पर आधारित पद्य हैं जिनके द्वारा ग़ालिब की सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक सोच का बोध होता है । मिर्ज़ा ग़ालिब के दर्शन से सम्बन्धित शेरों में जिस विचारधारा का प्रस्फुटन हुआ है, डॉ. जगन्नाथ पाठक ने उसे वेदान्त से रूपांतरित किया है । जब भी ग़ालिब ईश्वर, जगत, आत्मा तथा प्रकृति से सम्बन्धित अपने शेरों के माध्यम से कोई भी बात कहते हैं डॉ. उस सम्बन्धित शेर को वेदान्त सम्बन्धी शब्दों के साथ आर्या छंद में संस्कृतज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं । प्रस्तुत शोध पत्र संस्कृतज्ञों हेतु ग़ालिब की दर्शन सम्बन्धी विचारधारा के प्रस्तुतीकरण हेतु लिखा गया है।
Pages : 113-116 | 271 Views | 152 Downloads


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How to cite this article:
Dr. Shahnaz kureshi. ग़ालिब काव्यम् में दर्शन. Int J Sanskrit Res 2023;9(5):113-116.

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