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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2023, Vol. 9, Issue 3, Part A

सूर के काव्य में नगरीय जीवन का अध्ययन

जितेन्द्र शुक्ला

कृष्ण काव्य परंपरा में सूर के काव्य में नगरीय व ग्रामीण जीवन का चित्रण हमें पूर्ण रूप से दिखाई देता है।ं सूर का जन्म नगर में हुआ लेकिन साहित्यिक यात्रा के माध्यम से सूर ने ग्रामीण जीवन को जिया। भक्ति के शिरोमणि कवि सूरदास जी ने कृष्ण भक्ति का वर्णन करते हुए वहाँ की आर्थिक, सामाजिक व ग्रामीण जीवन का सविस्तार वर्णन किया हैं। सूर ने अपने काव्य में ग्रामीण और नगरीय जीवन का वर्णन किया हैं।
Pages : 43-46 | 828 Views | 574 Downloads


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How to cite this article:
जितेन्द्र शुक्ला. सूर के काव्य में नगरीय जीवन का अध्ययन. Int J Sanskrit Res 2023;9(3):43-46.

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