आधुनिक परिवेश में उत्पन्न कतिपय समस्याओं के निदान में बोधिसत्वचरितम् महाकाव्य की भूमिका
ईशा शर्मा
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से संबंधित होने के कारण उत्पन्न समस्याओं के संदर्भ में मनुष्य ही पीड़ित होता है एवं उसके निदानार्थ मनुष्य स्वयं ही उपक्रम करता है। कतिपय साहित्य के अनुशीलन से भी समस्याओं का निराकरण संभव है। इसी प्रसंग में बोधिसत्वचरितम् महाकाव्य समीचीन प्रतीत होता है। प्रस्तुत शोध-पत्र कतिपय सामाजिक समस्याओं के निराकरण हेतु है।