प्राचीन भारत में नगर योजना (कौटिलीय अर्थशास्त्र के विशेष सन्दर्भ में)
Hrushikesh Padhan
प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा में आज की अपेक्षा कई मामलों में उन्नतशील अवस्था में थे। यह पाण्डुलिपियों के माध्यम से हमें ज्ञात होता है। राजनायिक सम्बन्धित अनेक आचार्य हुए हैं, उनमें विदुर, शुक्राचार्य, मनु, चाणक्य आदि प्रसिद्ध हैं। कौटिल्य अर्थशास्त्र भी इसी क्रम में है कि राजा को किस प्रकार की सुरक्षा आवश्यक है। उसे किस प्रकार के राजगृह का निर्माण कराना चाहिये, कैसे अन्तःपुर हों, मुख्यद्वार और सामान्य द्वार कैसे हों, दीवार का निर्माण में कौन सी वस्तु का उपयोग करना चाहिए इत्यादि। कौटिल्य अर्थशास्त्र राजनीति विज्ञान के साथ-साथ वास्तुकला के दृष्टि से भी वैज्ञानिक प्रमाणित होता है। राजा को सुरक्षा देने में वास्तुशास्त्र के प्रयोग को उत्तम ढंग से वर्णन किया गया है।