Contact: +91-9711224068
International Journal of Sanskrit Research
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

Impact Factor (RJIF): 8.4

International Journal of Sanskrit Research

2023, Vol. 9, Issue 1, Part A

विशिष्टाद्वैत सम्मत छल का स्वरूप

सोनिया

विशिष्टाद्वैत वेदान्तदर्शन का प्रमुख सम्प्रदाय हैद्य इस सम्प्रदाय में १३ वीं. १४ वीं शताब्दी में वेंकटनाथ नामक प्रमुख आचार्य हुए जिन्होंने न्यायपरिशुद्धि नामक ग्रन्थ लिखा द्य इस ग्रन्थ में आचार्य वेंकटनाथ ने विशिष्टाद्वैत सम्प्रदाय के वादशास्त्र पर विस्तार से चर्चा की है द्य यद्यपि भारतीयदर्शन में वादशास्त्र के लिए न्यायदर्शन अत्यंत प्रसिद्ध है द्य आचार्य वेंकटनाथ ने न्यायपरिशुद्धि में न्यायदर्शन के वादशास्त्र में यथापेक्षित परिष्कार करके विशिष्टाद्वैत सम्मत वादशास्त्र को प्रतिपादित किया है द्य जैसे . छल वाद का प्रमुख साधन हैद्य न्यायदर्शन में छल को एक पदार्थ के रूप में प्रस्तुत किया गया है द्य आचार्य वेंकटनाथ न्यायदर्शन से सहमत नही हैं उनके अनुसार छल भी एक प्रकार का निग्रहस्थान है द्य आचार्य वेंकटनाथ के अनुसार निरनुयोज्यानुयोग एक निग्रहस्थान है जिसके चार भेद होते हैं जिनमें से छल भी एक भेद है द्य प्रस्तुत शोधपत्र में विशिष्टाद्वैत सम्मत छल के स्वरूपए छल के भेद आदि विषयों पर विचार किया गया है द्य
Pages : 09-13 | 448 Views | 178 Downloads
How to cite this article:
सोनिया. विशिष्टाद्वैत सम्मत छल का स्वरूप. Int J Sanskrit Res 2023;9(1):09-13. DOI: 10.22271/23947519.2023.v9.i1a.1950

Call for book chapter
International Journal of Sanskrit Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals
Please use another browser.