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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2022, Vol. 8, Issue 6, Part C

ब्रह्मचारी के आगमन का महत्त्व

डॉ. निशा गोयल

भास संस्कृत साहित्य के प्रथम नाटककार हैं। इनके द्वारा रचित 13 नाटकों में से स्वप्नवासवदत्तम् को सर्वोत्कृष्ट माना जाता है। भास ने इस नाटक में सरल, सरस और प्रसादगुणयुक्त भाषा का प्रयोग किया है। इसके अन्तर्गत अलंकारों का अत्यन्तस्वाभाविक रूप से प्रयोग किया है। भास उच्चकोटि के मनोवैज्ञानिक कवि माने जाते हैं। उन्होंने स्वप्नवासवदत्तम् के प्रथम अंक में प्रत्येक पात्र के मन को समझकर उसके अनुरूप हीं वर्णन किया है। यथा- जब यौगन्धरायण और वासवदत्ता अपनी योजना के अनुसार लावाणक गाँव से निकलकर मगध देश के तपोवन में प्रवेश करते हैं, और उन्हें उनके निकलने के बाद की घटना का पता नहीं होता है, तब उनकी उसी जिज्ञासा की शान्ति के लिए प्रथम अंक में ब्रह्मचारी का आगमन करवाया गया है जो लावाणक गाँव से ही अपनी शिक्षा को अधूरी छोड़कर आया है और लावाणक गाँव में बीती प्रत्येक घटना की जानकारी देता है।
Pages : 172-173 | 444 Views | 104 Downloads


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How to cite this article:
डॉ. निशा गोयल. ब्रह्मचारी के आगमन का महत्त्व. Int J Sanskrit Res 2022;8(6):172-173.

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