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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2022, Vol. 8, Issue 3, Part E

सांस्कृतिक एवम ऐतिहासिक श्रोतों के आलोक में आचार्य शान्तिदेव के जीवन वृत्त का पुनर्विवेचन

Narendra Kumar

शान्तिदेव प्रासंगिक मत के माध्यमिक आचार्य हैं। इन्होने सातवीं आठवीं शताब्दी में नालन्दा में आचार्य पद कों सुशोभित किया। बोधिचर्यावतार इनकी महान रचना है। इसके अतिरिक्त सूत्र समुच्चय, शिक्षासमुच्चय महायान बौद्ध जगत की महान कृतियां हैं। इतने महान आचार्य का जीवन वृत्त उतना सुलझा हुआ नहीं है जितना की आचार्य का व्यक्तित्व। जीवन वृत्त के तीनों मूलाधारों तिब्बती,भारतीय और पाश्चात्य भिन्न रूप में विवेचित-विश्लेषित हुआ है। प्रामाणिक और प्राथमिक श्रोतों के आलोक में इनके जीवनी के पुनर्विवेचन से स्पष्ट होता है कि सभी श्रोतों में शान्तिदेव से सम्बद्ध ऐतिहासिक तथ्य प्राय: समान हैं। नाम, जन्म स्थान,समय,माता-पिता,गुरु का नाम,कृतियों के ऐतिहासिक आधारों की विवेचना प्रस्तुत शोध पत्र में की गई है।
Pages : 258-263 | 527 Views | 203 Downloads


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How to cite this article:
Narendra Kumar. सांस्कृतिक एवम ऐतिहासिक श्रोतों के आलोक में आचार्य शान्तिदेव के जीवन वृत्त का पुनर्विवेचन. Int J Sanskrit Res 2022;8(3):258-263.

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