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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2022, Vol. 8, Issue 3, Part B

महाकाव्यों में वर्णित संस्कार एवं उनकी वर्तमानकालिक प्रासंागकिता

डॉ० रंजना देवी

किसी पदार्थ में योग्यता को धारण कराने वाली क्रियाएं संस्कार कहलाती है। संस्कारों के सम्पादन के द्वारा ही कोई पदार्थ किसी कार्य के योग्य हो जाता है। हिन्दु समाज में संस्कार एक आवश्यक कृत माना गया है। संस्कारों के रूप में जिन विधि विधानों का अनुष्ठान किया जाता है, उनसे व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक एवं वौद्धिक उन्नति होती है।
Pages : 67-70 | 608 Views | 275 Downloads


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How to cite this article:
डॉ० रंजना देवी. महाकाव्यों में वर्णित संस्कार एवं उनकी वर्तमानकालिक प्रासंागकिता. Int J Sanskrit Res 2022;8(3):67-70.

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