महाभारतकालीन सशक्तनारी - कुन्ती (महर्षि वेदव्यासरचित महाभारत पर आधारित)
सुनिता सेंगाडा
इस प्रकार महाभारत में वर्णित देवी कुन्ती के चरित्र के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि एक विधवा नारी भी अपने शील, सदाचार, बुद्धिमता, धैर्यता, प्रेम एवं दृढता, द्वारा समाज में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकती हंै। आवश्यकता हैं तो मात्र अपनी आन्तरिक शक्तियों, सामर्थ्य एवं क्षमताओं को पहचानने की।