Contact: +91-9711224068
International Journal of Sanskrit Research
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

Impact Factor (RJIF): 8.4

International Journal of Sanskrit Research

2020, Vol. 6, Issue 5, Part G

त्रिपुरा में प्रतिष्ठित शिवाराधना पुण्यक्षेत्र उनकोटि

देवराज पाणिग्राही

त्रिपुरा का एक जिल्ला उनकोटी है, यह शैवतीर्थ के रूप में माना जाता है। जनजातीयां शैव तथा शाक्त की उपासना करती आई है। ११-१२वीं शताब्दि ए. डि. का यह तीर्थ है। जो कि, अगरतला से १८० कि. मी. दूर पर है। उनकोटि का शाब्दिक अर्थ है – ’एककोटि से एक कम’। यहां के शैलिचत्र के चित्रकार ’युवल’ नामक इजरायिल है। कुछ विद्वान् इसको सातवीं से नवीं शताब्दी का ही मानते है, पर कुछ का मानना है कि, शिल्प बारहवीं शताब्दि के ही है। यहां विशालिशलाओं पर उत्कीर्ण शिव की प्रतिमा का उत्कृष्ट रूपांकन दर्शकों को सहज ही आकर्षित करता है।
Pages : 407-409 | 512 Views | 37 Downloads
How to cite this article:
देवराज पाणिग्राही. त्रिपुरा में प्रतिष्ठित शिवाराधना पुण्यक्षेत्र उनकोटि. Int J Sanskrit Res 2020;6(5):407-409.
International Journal of Sanskrit Research

International Journal of Sanskrit Research


Call for book chapter
International Journal of Sanskrit Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals
Please use another browser.