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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2020, Vol. 6, Issue 5, Part F

कालिदास द्वारा वर्णित स्त्री-पुरुष के प्रेम का परिपाक एवं आदर्श रूपः मनोवैज्ञानिक पक्ष

डाॅ. अर्चना पाल

कालिदास संस्कृत के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं। उनकी काव्यकला को प्राचीन भारतीय आलोचकों एवं साहित्य शास्त्रियों ने भी सराहा है और आधुनिक काल के साहित्यिक समीक्षकों ने भी । किसी भी महाकवि से यह अपेक्षा की जाती है कि उसे विविध विषयों का समुचित ज्ञान हो । महाकवि कालिदास इस अपेक्षा पर खरे उतरते हैं । कालिदास ने मानव स्वभाव एवं मनोदशाओं को जितनी स्वाभाविकता से चित्रित किया है उतना संभवतः अन्य किसी संस्कृत कवि ने नहीं किया है इससे प्रकट होता है कि कालिदास को मानव-मनोविज्ञान का सूक्ष्म ज्ञान था।
Pages : 345-346 | 311 Views | 73 Downloads
How to cite this article:
डाॅ. अर्चना पाल. कालिदास द्वारा वर्णित स्त्री-पुरुष के प्रेम का परिपाक एवं आदर्श रूपः मनोवैज्ञानिक पक्ष. Int J Sanskrit Res 2020;6(5):345-346.

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