Contact: +91-9711224068
International Journal of Sanskrit Research
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

Impact Factor (RJIF): 8.4

International Journal of Sanskrit Research

2020, Vol. 6, Issue 1, Part D

वैराग्यशतक में निरूपित अलंकारयोजना

डॉ- रमा सिंह

जीवन की निस्सारता का ज्ञान करानेवाली महाकवि भर्तृहरिविरचित ‘वैराग्यशतक’ एक महत्त्वपूर्ण कृति है। शतककाव्य की शृ३ला में प्रमुख होने के साथ-साथ यहाँ काव्य के घटकतत्त्वों का सुसंयोजन भी दिखाई पड़ता है। काव्यघटकतत्त्वों के सुसंयोजनक्रम में महाकवि ने काव्य के उत्कर्षाधायक तत्त्व के रूप में शब्दालंकार एवं अर्थालंकार का भी सफल निरूपण किया है। अनुप्रास, उपमादि विविध अलंकारों का यहाँ प्रयोग किया गया है। उनकी अलंकारयोजना भाव, भाषा व रीति के अनुकूल है। प्रस्तुत शोध आलेख में उनकी अलंकारयोजना का सुसम्पादन प्रदर्शित करना तथा पाठकों को उससे अवगत कराना ही लक्ष्य है।
Pages : 251-254 | 217 Views | 33 Downloads
How to cite this article:
डॉ- रमा सिंह. वैराग्यशतक में निरूपित अलंकारयोजना. Int J Sanskrit Res 2020;6(1):251-254.

Call for book chapter
International Journal of Sanskrit Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals
Please use another browser.