International Journal of Sanskrit Research
2019, Vol. 5, Issue 6, Part B
काशिकाके तृतीय अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¥‡ उदाहरणोंका पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤¶ (à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¯à¤¾à¤‚ सदवसशà¥à¤°à¥à¤µà¤ƒ)
मधॠपटेल
मेरे शोधपà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤•à¤¾ शीरà¥à¤·à¤• ‘काशिकाके तृतीय अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¥‡ उदाहरणोंका पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤¶’ है। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ काशिकाकी सà¥à¤µà¤•à¥€à¤¯ शैली यह है कि उसमें जो उदाहरण दिये जाते हैं उनका पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤¶ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ किया ही नहीं जाता है और यदि कहींपर किया à¤à¥€ जाता है तो वह इतना निगूढ होता है कि उतनेमातà¥à¤°à¤¸à¥‡ उदाहरणोंकी पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नहीं हो पाती है और पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤•à¥‹ समà¤à¥‡ विना शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤•à¥€ चरितारà¥à¤¥à¤¤à¤¾ असमà¥à¤à¤µ है। यही कारण मेरे इस शोधपà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤•à¥€ अपरिहारà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤•à¥‹ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करता है जो कि विना पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤•à¥‡ समà¥à¤à¤µ नहीं है। मेरा यह पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ उसी दिशामें है।
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मधॠपटेल. काशिकाके तृतीय अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¥‡ उदाहरणोंका पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤¶ (à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¯à¤¾à¤‚ सदवसशà¥à¤°à¥à¤µà¤ƒ). Int J Sanskrit Res 2019;5(6):84-87.