International Journal of Sanskrit Research
2019, Vol. 5, Issue 4, Part D
साहितà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थो के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का महतà¥à¤µ
कविता शरà¥à¤®à¤¾, डॉ. आयà¥à¤· कà¥à¤®à¤¾à¤° गरà¥à¤—
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ लेख मे साहितà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थो के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के महतà¥à¤µ, उदà¥à¤§à¥‡à¤¶à¥à¤¯ तथा उसके सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया गया है | संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ विशà¥à¤µ की सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤·à¤¾ है | संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के विरासत का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है तथा संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ को à¤à¤•à¤¤à¤¾ के सूतà¥à¤° मे बांधती है | आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के लिठसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होना अतà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¶à¥à¤¯à¤• है | संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के अतिरिकà¥à¤¤ किसी अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का उपयोग हमारे गà¥à¤°à¤‚थो के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठकिया गया होता तो आज हम इतने बड़े – बड़े गà¥à¤°à¤‚थो का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ नहीं कर पाते कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का हर à¤à¤• शबà¥à¤¦ अपना अरà¥à¤¥ बताता है, वही अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ यह करने मे असमरà¥à¤¥ है | संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ साहितà¥à¤¯ अतà¥à¤¯à¤‚त कà¥à¤¶à¤², वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•, निपà¥à¤£ तथा दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• है | इस लेख में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ तथा उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ का विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ रूप से वरà¥à¤£à¤¨ किया गया है तथापि उसे विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ रूप में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित किया गया है | उदà¥à¤§à¥‡à¤¶à¥à¤¯ १. संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ तथा विकास पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला गया है | २. विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ साहितà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थो के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के योगदान का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¥à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया गया है |
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कविता शरà¥à¤®à¤¾, डॉ. आयà¥à¤· कà¥à¤®à¤¾à¤° गरà¥à¤—. साहितà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थो के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का महतà¥à¤µ. Int J Sanskrit Res 2019;5(4):207-214.