वेदो में शब्द ब्रह्म व्यवस्था-एक व्याकरण शास्त्रीय अध्ययन
डाॅ॰ श्याम सुन्दर चैधरी
वाणी विचार-शक्ति का वाहक है। शब्द के बिना विचार का कोई भी अस्तित्व नहीं होता है। भतृर्हरि नें वाक्यपदीयम् में कहा है- न सोऽस्ति प्रत्ययो लोके यः शब्दानुगमादृते। अनुविद्धमिव ज्ञानं सर्वं शब्देन भासते ।। अर्थात् संसार में कोई भी ऐसा ज्ञान नहीं, जो शब्द के बिना प्राप्य हो, प्रत्येक ज्ञान शब्द से अनुविद्ध होता है।