International Journal of Sanskrit Research
2018, Vol. 4, Issue 5, Part A
हितोपदेश में पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के माधà¥à¤¯à¤® से धरà¥à¤® तथा उपदेश
कà¥à¥° कमलेश
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ साहितà¥à¤¯ में हितोपदेश के रचयिता नारायण पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ को महानॠखà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। इनकी हितोपदेश नाम की à¤à¤• ही कृति पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। नारायण पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विरचित हितोपदेश को कथा साहितà¥à¤¯ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त रखा गया है। इसमें हितोपदेशकार ने नीतिकथाओं और शिकà¥à¤·à¤¾à¤ªà¥à¤°à¤¦ शà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ का वरà¥à¤£à¤¨ किया है। नारायण पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ ने इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ का उपदेश पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से दिया है। यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ही नहीं अपितॠसमà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ में कथागà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ के रूप में मानà¥à¤¯ है। हितोपदेश के अनà¥à¤¶à¥€à¤²à¤¨ से नीति शासà¥à¤¤à¥à¤° का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ आसानी से हो जाता है। नारायण पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ जनà¥à¤® से ही पà¥à¤°à¤–र बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ वाले थे। इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हितोपदेश में अपनी समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ को बिखेरा है। इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने शिरामाणि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ आदि को पातà¥à¤° बनाकर धरà¥à¤® तथा उपदेश का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिया है।
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कà¥à¥° कमलेश. हितोपदेश में पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के माधà¥à¤¯à¤® से धरà¥à¤® तथा उपदेश. Int J Sanskrit Res 2018;4(5):03-05.