श्रीकृष्ण भारतीय साहित्य और संस्कृति के प्राणभूत हैं। ये सदियों से यहाँ पूजे जाते हैं। इनकी गाथाएँ हम श्रद्धाभाव से सुनते आ रहे हैं। कृष्ण के चरित्र की व्यापकता तथा विविधता को देखकर लोकमानस चकित हो जाता है। इसी विविधता ने उन्हें दशावतार में शामिल कर ईश्वरत्व का अधिकारी बना दिया। लेकिन यदि राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो श्रीकृष्ण एक सफल राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ साबित होते हैं।