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International Journal of Sanskrit Research
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2018, Vol. 4, Issue 3, Part C

वैदिक नदी असिक्नी की उपादेयता

कौशल्या चैहान, पद्मा ठाकुर

नदियों की उपादेयता मानव जीवन में बहुत अधिक है। जल तो जीवन है, जल के बिना प्राणिजगत जीवित नहीं रह सकता। इसीलिए मनुष्य उन स्थानों पर निवास करता है जहाँ वातावरण और जीवकोपार्जन के उपयुक्त संसाधन हों। इसके लिए नदियों के तट सबसे अनुकूल हैं। नदियाँ सदियों से इतिहास, राजनीति, धर्म और अर्थ का केन्द्र रहीं हैं।
Pages : 146-148 | 1112 Views | 128 Downloads


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How to cite this article:
कौशल्या चैहान, पद्मा ठाकुर. वैदिक नदी असिक्नी की उपादेयता. Int J Sanskrit Res 2018;4(3):146-148.

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