साधारण शब्दों में म्लेच्छ शब्द का अर्थ असभ्य भाषा का प्रयोग करने वालों के लिये किया गया है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में म्लेच्छ शब्द का अर्थ वर्णसांकर्य जाति वाले लोगों के लिये किया गया है। जिसे चारों वर्णों से बाहर रखा गया है। म्लेच्छों के विषय में अध्ययन करने पर उनके निवास स्थान का क्षेत्र काफी विस्तृत प्राप्त हुआ है। इनका निवास स्थान उत्तर दिशा की ओर अत्याधिक बतलाया गया है, केवल भारत में ही नहीं अपितु विश्व के अन्य प्रसिद्ध देशों चीन, मगध और दशमालिक इत्यादि में भी इनके निवास स्थान की पुष्टि हुई है। सिन्ध का वर्णन अत्याधिक प्राप्त हुआ है क्योंकि सिन्ध में रहने वाले लोग अत्याधिक नास्तिक होते थे तथा म्लेच्छों को नास्तिक लोगों की श्रेणी में रखा गया है।