भारत की सनातन संस्कृति वेदों पर आधारित है। वेद ऋषियों के माध्यम से मानवमात्र के कल्याणार्थ ईश्वरप्रदत्त ज्ञान है। वेदों में मनुष्यों के पुरुषार्थचतुष्ट्य (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) को सम्यक्तया पूर्ण करने का उपदेश दिया गया है। यह उपदेश आचरण किये जाने पर मानव को न केवल लौकिक अपितु पारलौकिक सिद्धियों को प्राप्त करने में उपयोगी होता है। प्रकृत शोध-पत्र प्रमुख वैदिक आचारोपदेशों का संक्षिप्त विवेचन प्रस्तुत करता है।