प्रस्तुत शोध-पत्र में भारत एवं भारतीय संस्कृति पर चिन्तन करते हुए वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल पर्यन्त हुए भौगोलिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। सर्वप्रथम यह विचार किया जाना बहुत आवश्यक है कि हम किसका वर्णन करेंगें-भारत, भारतवर्ष, इण्डिया, हिन्दुस्तान, आर्यावर्त या जम्बूद्वीप। इतिहास साक्षी है कि ये सब भारत के ही समयानुसार परिवर्तित नाम हैं। यह बात आंशिक रूप से सत्य भी है। आंशिक इसलिए कि ये भारत अथवा इण्डिया के नाम नहीं अपितु जम्बूद्वीप के ही अलग-अलग हिस्सों के नाम है। कालचक्र के साथ जम्बूद्वीप के टुकड़े होते गए और उसी विभाजन के परिणामस्वरूप विभिन्न नामकरण भी होते गए।
अब प्रश्न उठता है कि प्राचीन भारत कहाँ तक था? उसकी सीमा क्या थी? यह जब तक स्पष्टत्या न जान लिया जाय, तब तक भारतीय संस्कृति का विस्पष्ट चित्र सामने आना कठिन है। इसका कारण यह है कि जितने भी भारतीय आचार, व्यवहार, कला, कौशल आदि है, वे सब प्राचीन ग्रन्थों में निबद्ध हैं। अद्यतनीय भारत उसकी अपेक्षा बहुत संकुचित हो गया है। उसे तो जाने दीजिए भारत का जो भूगोल आज से 20 वर्ष पहले था, वह भी आज नहीं है।