आयुर्वेद विश्व की विविध एवं पुरातन चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। इसको हम वेद का विस्तार तथा विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण भी कह सकते हैं। आयुर्वेद का अर्थ है-जीवन का ज्ञान। इसे ही हम संक्षेप में आयुर्वेद का सार कह सकते हंै। विश्व की सभ्यता और संस्कृति का मूलाधार कहे जाने वाले ‘वेदों’ में भी आयुर्वेद के सिद्धान्त यत्र-तत्र निरूपित है। इस शोध पत्र के माध्यम से वेदों में वर्णित आयुर्वैदिक विषयों, आयुर्वेद के उद्देश्य एवं अंग, आयुर्वैदिक चिकित्सा के भेद, वैद्य के कत्र्तव्य तथा नीरोग एवं दीर्घायु के उपायों का संक्षेप में वर्णन किया जा रहा है, जिसकी मानव जीवन में विशेष उपयोगिता है। वर्तमान समय में भी बढ़ रहे रोगों से निजात पाने में आयुर्वेद विशेष भूमिका निभा रहा है। भारत में ही नहीं विदेशों में भी आयुर्वेद पर कई शोध हो रहे हैं जो इसकी महत्ता को प्रतिपादित करते हैं।