प्रस्तुत शोधपत्र में धातु शब्द की व्याख्या करते हुए धातु सोना, चाँदी, ताम्र, रांञाा, सीसा, लोहा आदि प्रमुख धातुओं से बनने वाले अनेक भस्मों का विस्तार से वर्णन व उनका उपयोग बताया गया है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक धातु के शोधक पदार्थों का विवरण भी यहाँ प्रस्तुत किया गया है। प्रमुख मान्य धातु सुवर्ण के पाँच प्रकार (1) प्राकृत, (2) सहज, (3) वह्नि से उत्पन्न, (4) खनिज से उत्पन्न, (5) रसेन्द्र के वेध से उत्पन्न आदि के अत्यन्त उपयोगी व प्रायोगिक प्रसंगों का गूढ शब्दों में विवेचन किया गया है। इसके अतिरिक्त के उŸाम व निकृष्ट भेदों के साथ-साथ इसके ग्राह्य व अग्राह्य पक्षों का भी यथावत् उद्घाटन किया गया है। यहाँ शोधित सुवर्ण के दोषों के साथ-साथ ही दूषित सुवर्ण के दोषों को भी प्रस्तुत किया गया है। इसके साथ ही सुवर्ण शोधन की पाँच विधियों की भी चर्चा की गई है। यहाँ यह भी निष्कर्ष रूप में प्रस्तुत किया गया है कि पूर्ण रुपेण शोधित सुवर्ण शरीर की साम्यावस्था के साथ-साथ क्षीणबुद्धि व क्षीणस्मृति वाले लोगों के लिए यह स्वर्ण परम उपयोगी सिद्ध होता है।