यह शोध पत्र आदिकवि वाल्मीकि के आदिकाव्य रामायण में महिला की उच्च आर्थिक स्थिति का अमूल्य सिंहावलोकन है। मानव समाज की प्रगति गाथा प्राचीन काल से ही सम्पत्ति केन्द्रित रही है। इसे विश्व के प्रत्येक काल और भाषा के विद्वानों ने अपने अध्ययन की विषयवस्तु से कभी भी ओझल नहीं होने दिया। भारतीय संदर्भ के कवियों ने भी अपनी रचनाओं में इसे महत्वपूर्ण स्थान दिया है। भारतीय जीवन पद्धति में ‘अर्थ’ को ‘‘पुरूषार्थ चतुष्ट्य’’ में सम्मिलित कर भारतीय मनीषियों ने एक क्रांति का सूत्रपात कर दिया। अर्थ जैसे सर्वश्रेष्ठ निर्णायक तŸव के साथ नारी की स्थिति सदैव से अहम विवेचना बिन्दु रही है। इस लेख के माध्यम से तात्कालीन समाज में महिला की आर्थिक स्थिति प्रकाशित करने का प्रयत्न किया गया है।