सामान्य जन मानस में से प्रत्येक व्यक्ति की यह एक अनिवार्य जिज्ञासा होती है कि वह अपनी आजीविका हेतु किस कार्य का चयन करे जिससे कि सुगमतापूर्वक अर्थोपार्जन हो सके। प्रस्तुत शोध पत्र में इसी विषय की ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से विवेचना की गयी है। ज्योतिष ग्रन्थों के अनुसार जन्मांग के दशम भाव से आजीविका का विचार किया जाता है तथा इस भाव एवं दशमेश की नवांश राशि के स्वामी ग्रह की आजीविका निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।