International Journal of Sanskrit Research
2017, Vol. 3, Issue 3, Part B
सांखà¥à¤¯ सूतà¥à¤° पर आचारà¥à¤¯ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤¿à¤•à¥à¤·à¥ की टीका के आधार पर पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ततà¥à¤µ का विवेचन
डाॅ0 निवेदिता राय
सांखà¥à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ में अनà¥à¤¯à¤¤à¥à¤® है, शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ रामायण, महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ आदि पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ कृतियों में सांखà¥à¤¯ योग के विचारों का अनेकों उदाहरण मिलते हैं। सांखà¥à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨ का मूलà¤à¥‚त गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ है, महरà¥à¤·à¤¿ कपिल का ‘ततà¥à¤µà¤¸à¤®à¤¾à¤¸â€™à¥¤ यह गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ अतिसंकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ तथा सारगरà¥à¤à¤¿à¤¤ है।
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डाॅ0 निवेदिता राय. सांखà¥à¤¯ सूतà¥à¤° पर आचारà¥à¤¯ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤¿à¤•à¥à¤·à¥ की टीका के आधार पर पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ततà¥à¤µ का विवेचन. Int J Sanskrit Res 2017;3(3):90-91.