मनुस्मृति में प्राप्त व्यंजनों का पाकशास्त्रीय विश्लेषण
अन्जू बाला
भोजन के गुण अवगुण के अनुसार ही लोगों के आचार विचार एवं क्रियाकलापों का निर्धारण होता है। भारतीय संस्कृति में भोजन पान का महŸव वैदिक काल से ही चला आ रहा है। हमारी स्मृतियों एक भाग भक्ष्याभक्ष्य का वर्णन करता है जिससे हम सुगमता से तत्कालीन समाज के खान पान अर्थात् पाकशास्त्र तथा उस युग की पाकशास्त्रीय वस्तुओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।