Contact: +91-9711224068
International Journal of Sanskrit Research
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

International Journal of Sanskrit Research

2016, Vol. 2, Issue 6, Part D

भविष्य पुराण में वर्णित इस्लाम

बन्दना शर्मा

संस्कृत वाङ्मय में पुराणों की उत्कृष्ट भूमिका रही है। पुराण भारतीय संस्कृति के महत्त्वपूर्ण अङ्ग स्वीकार किये गये हैं। पुराण भारतीय संस्कृति के मेरुदण्ड हैं जिस पर आधुनिक भारतीय समाज अपने अस्तित्व को प्रतिष्ठित करता है। अट्ठारह पुराणों में भविष्य पुराण का भी विशेष महत्व है। इस पुराण का नाम भविष्य पुराण है पर यह भी बहुत प्राचीन है। भविष्य पुराण के नामकरण का कारण यह है कि इस पुराण में भविष्य में होने वाली घटनाओं का वर्णन किया गया है। इस पुराण में इन भविष्यकालीन घटनाओं के वर्णन से यह दुष्परणिाम हुआ कि समय-समय पर होने वाले विद्वानों ने इस पुराण में अपने समय में होने वाली घटनाओं को भी जोड़ दिया जिससे इस पुराण का मूलरूप विकृत हो गया है। सभी पुराणों की भविष्य पुराण का मूल विषय भविष्यत्कालिक ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन करना था परन्तु इस समय यह एक साम्प्रदायिक ग्रन्थ बन गया है। भविष्य पुराण में अनेक भविष्यवाणियां दी गई है। इसमें चारों वर्णों के कत्र्तव्य, व्रत और धर्मादि वर्णित है। भविष्य पुराण में जिन ऐतिहासिक सामग्रियों का संचय है वैसा किसी अन्य पुराण में नहीं है। भविष्य पुराण में ऐतिहासिक सामग्री में मनु के राज्यारोहण से लेकर अंग्रेजों के भारत में आने तक का विस्तार से वर्णन है। भविष्य पुराण में विभिन्न वर्णसंकर जातियों का वर्णन किया गया है तथा साथ ही इस्लाम धर्म का आंशिक उल्लेख भी किया गया है। भविष्य पुराण में इस्लाम तथा म्लेच्छों का वर्णन प्राप्त होता है। भविष्य पुराण में वर्णित इस्लाम आदि राजाओं की सभ्यता, संस्कृति को म्लेच्छों के अन्तर्गत रखकर म्लेच्छ नाम ही दिया है। अतः भविष्य पुराण में इस्लाम को म्लेच्छों के अन्तर्गत रखकर पौराणिक समय के साथ सम्बन्धित बतलाया है।
Pages : 175-178 | 20300 Views | 17385 Downloads


International Journal of Sanskrit Research
How to cite this article:
बन्दना शर्मा. भविष्य पुराण में वर्णित इस्लाम. Int J Sanskrit Res 2016;2(6):175-178.

Call for book chapter
International Journal of Sanskrit Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals
Please use another browser.