International Journal of Sanskrit Research
2016, Vol. 2, Issue 5, Part B
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में नारीवाद
शकà¥à¤¤à¤¿ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯
यह लेख à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•ृति में नारीवाद के समृ़दà¥à¤§ इतिहास का à¤à¤• अमूलà¥à¤¯ सिंहावलोकन है। यहाॅ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•ृति में नारीवादी उचà¥à¤š विचारधाराओं के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों का विशदॠवरà¥à¤£à¤¨ है। लेख के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है, कि कैसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में दैवीय रà¥à¤ª में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित नारी का सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª मधà¥à¤¯à¤•ाल में कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ सें धूमिल होकर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में संघरà¥à¤·à¤°à¤¤ है। आज à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारीवाद का उदà¥à¤˜à¥‹à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ संसà¥à¤•ृति की ओर लौटो हैै, न कि रेडिकल विचारधारा है।
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शकà¥à¤¤à¤¿ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯. à¤à¤¾à¤°à¤¤ में नारीवाद. Int J Sanskrit Res 2016;2(5):74-76.