‘उपचार’ शब्द ‘उप’ उपसर्ग-पूर्वक ‘चर गतिभक्षणयोः’ ‘चर गतौ’ ‘चर संशये’ धातुओं से घञ् प्रत्यय के प्रयोग से बनता है। इस शब्द का प्रयोग वाङ्मय में कई अर्थों में देखा जाता है। (1) उपचार-चिकित्सा, (2) उपचार-पूजाङ्ग (3) लाक्षणिक शब्द प्रयोग (4) सेवा (5) व्यवहार आदि।