International Journal of Sanskrit Research
2015, Vol. 1, Issue 5, Part A
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ साहितà¥à¤¯ में आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कवि डाॅ. राधेशà¥à¤¯à¤¾à¤® गंगवार का योगदान
पिंकी तिवारी
देववाणी के देदीपà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤°, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के उपासक डाॅ. राधेशà¥à¤¯à¤¾à¤® गंगवारजी विविध विषयों पर तीस से अधिक लेख à¤à¤µà¤‚ शोध-पतà¥à¤° संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित पतà¥à¤°-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥‡ हैं। अनेक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¯ शोधसमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚, गोषà¥à¤ ियों और कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤“ं में अपने गवेषणापूरà¥à¤£ शोधपतà¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करके संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ साहितà¥à¤¯ जगत की सेवा की है। संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में इनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– लेखों à¤à¤µà¤‚ शोध-पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का विवरण इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°
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पिंकी तिवारी. संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ साहितà¥à¤¯ में आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कवि डाॅ. राधेशà¥à¤¯à¤¾à¤® गंगवार का योगदान. Int J Sanskrit Res 2015;1(5):27-28.