International Journal of Sanskrit Research
2015, Vol. 1, Issue 5, Part A
घà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¥œà¥€ की महतà¥à¤¤à¤¾
विशà¥à¤µà¥‡à¤¶ कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤°
मनà¥à¤·à¥à¤¯ के लिठघूमना अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤• है। घूमने सें वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को समाज की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के साथ उसका आतà¥à¤®-परिषà¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€ होता है। परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• और घà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¤¡ तथा यातà¥à¤°à¥€ तीन शबà¥à¤¦ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हैं। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ तीनों के महतà¥à¤µ का परीकà¥à¤·à¤£ अलग-अलग किया जा सकता है। जब कोई यातà¥à¤°à¥€/ घà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¤¡/परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• जब आखों देखा हाल लिखकर समाज के समà¥à¤®à¥à¤– रखता है, तब उसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गयी सूचना की महतà¥à¤¤à¤¾ का मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन नहीं हो पाता, उसकी उपयोगिता की सीमा à¤à¥€ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ नहीं हो पाती। घà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¥œ से बà¥à¤•à¤° समाज का हितैषी होना दà¥à¤·à¥à¤•à¤° है। इन तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर बहà¥à¤§à¤¾ साहितà¥à¤¯ à¤à¥€ रचे हैं। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤, हिनà¥à¤¦à¥€, अॅगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ आदि विधाओं में घà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¤¡à¥€ का महतà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है।
How to cite this article:
विशà¥à¤µà¥‡à¤¶ कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤°. घà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¥œà¥€ की महतà¥à¤¤à¤¾. Int J Sanskrit Res 2015;1(5):01-03.