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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2015, Vol. 1, Issue 2, Part A

पुराणानुसार गणेश-विघ्नोत्पत्तिः एक रहस्य

मोहन लाल

प्रस्तुत शोध पत्र में विभिन्नपुराणानुसारी विघ्नेष्वर की विघ्नोत्पत्ति विवेच्य विषय है। ब्रह्मवैवर्तपुराण में नारद ने संदेहवषात् वेदवेदांगपारंगत नारायण से प्रष्न किया कि त्रिदषेष महात्मा शंकर के पुत्र तथा विघ्नविनाषक गणपति को जो विघ्न उत्पन्न हुआ था, उसका कारण क्या था। नारद ने आष्चर्यपूर्वक कहा कि जब गणपति पूरिपूर्णतम, परात्पर, परमात्मा, गोलोक के स्वामी के स्वांष से पार्वती के गर्भ से प्रादुर्भूत हुए थे, तब उन भगवान् के मस्तक का ग्रह की दृष्टिमात्र से कट जाने का क्या कारण था? नारद द्वारा यह वृत्तान्त नारायण से जानने की इच्छा व्यक्त की गई। इस प्रकार के वर्णनों की प्राप्ति भविष्य, ब्रह्मवैवर्त तथा वाराहपुराणों में हुई है।
Pages : 114-115 | 262 Views | 57 Downloads


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How to cite this article:
मोहन लाल. पुराणानुसार गणेश-विघ्नोत्पत्तिः एक रहस्य. Int J Sanskrit Res 2015;1(2):114-115.

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