मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में राजधरà¥à¤® का समीकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
डाॅ. वेद पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ मिशà¥à¤°, राकेश कà¥à¤®à¤¾à¤°
à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· à¤à¤• महानॠदेश है। और इसकी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ है। इस देश के साहितà¥à¤¯, वेद, दरà¥à¤¶à¤¨, उपनिषद, बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤—à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ आदि नानाविध साहितà¥à¤¯ संपूरà¥à¤£ जगत के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठआज à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गीक है। à¤à¤• ओर जहाठवेदों में जà¥à¤žà¤¾à¤¨, करà¥à¤®, उपासना तथा विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की बातें कही है वहीं दूसरी और उपनिषद आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ मानव समाज को मोकà¥à¤·à¤¤à¥à¤µ दिलाने का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करता है। मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ जैसा पावन धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° मानव जीवन को उनà¥à¤¨à¤¤ बनाने का विधियों को लिये हà¥à¤ समाज का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करता है। महरà¥à¤·à¤¿ मनॠने आदि काल में मानव जीवन को उनà¥à¤¨à¤¤ पà¥à¤°à¤—तिशील और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾, राजधरà¥à¤® और मानव धरà¥à¤® के मापदणà¥à¤¡à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को सà¥à¤¬à¤² और सà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ बनाने का à¤à¥€ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ किया है। महरà¥à¤·à¤¿ मनॠने अपने गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जनà¥à¤® से लेकर मृतà¥à¤¯à¥ परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ जहाठसंसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का वरà¥à¤£à¤¨ किया है वहीं मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन को सà¥à¤–मय बनाने के लिठराजधरà¥à¤® का à¤à¥€ वरà¥à¤£à¤¨ किया है। महरà¥à¤·à¤¿ मनॠने निरूसनà¥à¤¦à¥‡à¤¹ सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ राजधरà¥à¤® वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का सृजन किया। आदिकाल के राजाओं को हम देखें, राजा राम से लेकर यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर तक और जितने à¤à¥€ चकà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ आरà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¤à¥à¤°à¥à¤¤ में हà¥à¤ उन सà¤à¥€ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं में राजधरà¥à¤® à¤à¤²à¤•à¤¤à¤¾ है। राजरà¥à¤·à¤¿ मनॠने अपने गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में राजधरà¥à¤® का वरà¥à¤£à¤¨ बडे ही चारितà¥à¤°à¤¿à¤• और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ का मूल मंतà¥à¤° पिरोया है। गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤•à¤¾à¤° अपने इस महानॠगà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मानव समाज को संगठित वा उनà¥à¤¨à¤¤ बनाने के लिये अनेक माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ से राजधरà¥à¤® की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ कर राजा, मंतà¥à¤°à¥€, सà¤à¤¾à¤¸à¤¦à¥, पà¥à¤°à¤œà¤¾ तथा इन पर पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ होने वाले दणà¥à¤¡ विधान, कर वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, तथा नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, का बहà¥à¤¤ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° ही वरà¥à¤£à¤¨ किया है अपितॠइस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में अनेक विषय है परनà¥à¤¤à¥ मैंने अपने शोध का विषय मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में राजधरà¥à¤® लिया है जिसको कई à¤à¤¾à¤—ों में विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ कर उसके विषय में वरà¥à¤£à¤¨ किया जायेगा।
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डाॅ. वेद पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ मिशà¥à¤°, राकेश कà¥à¤®à¤¾à¤°. मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में राजधरà¥à¤® का समीकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Sanskrit Res 2017;3(5):09-12.